जिपं बोर्ड गठित होने से खुलेगा तिजौरी का मुंह
– 35 करोड़ से होंगे विकास कार्य और होंगे पुराने भुगतान
– प्रशासक कार्यकाल के समय जिपं में नहीं हुए काम
हरिद्वार। जिला पंचायत का बोर्ड गठन होने से ग्रामीण क्षेत्रों में विकास
कार्य कराने के लिए तिजौरी का मुंह खुल जाएगा। जिला पंचायत के खाते में
पड़े करीब 35 करोड़ रुपये से विकास कार्य और पुराने हुए कार्या को भुगतान
कराया जा सकेगा।
त्रिस्तरीय पंचायतों का कार्यकाल समाप्त होने पर जिला पंचायत बोर्ड भी मई
2021 में भंग हो गया था। कार्यकाल समाप्त होने के बाद बतौर प्रशासक
जिलाधिकारी जिला पंचायत के कार्यकाल का संचालन कर रहे थे। हाईकोर्ट के
आदेश के तहत वह जिला पंचायत से प्रस्ताव पारित कराकर विकास कार्य नहीं
करा सकते थे। इससे सवा साल से जिला पंचायत के खाते में राज्य और केंद्र
सरकार की ओर से विकास कार्यें के लिए पैसा आने के बाजवूद भी नए विकास
कार्य नहीं हो पा रहे थे। जबकि ग्रामीणों की ओर से लगातार विकास कार्य
कराए जाने की मांग की जा रही थी।
अब पंचायत चुनाव के बाद अक्तूबर में जिला पंचायत बोर्ड के अध्यक्ष और
सदस्यों की ओर से शपथ लेने और पहली बैठक होने के बाद विकास कार्यों के
रास्ते खुले गए हैं। जिससे पंचायत के खाते में पड़े 35 करोड़ रुपये विकास
कार्य कराए जाएंगे। इसके लिए जिला पंचायत के सदस्यों से विकास कार्यों के
लिए प्रस्ताव भी मांग लिए गए हैं। उम्मीद है कि नवंबर के अंतिम सप्ताह
में दूसरी बोर्ड बैठक को प्रस्तावों को मंजूरी देकर विकास कार्यों को हरी
झंडी दे दी जाएगी।
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– जिला पंचायत बोर्ड का गठन होने से अब तेजी से विकास कार्य शुरू हो
सकेंगे। जिला पंचायत के बैंक खाते में लगभग 35 करोड़ रुपये हैं। इस बजट
से ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्य और देनदारियों को चुकता किया
जाएगा।
– बीसी छिम्वाल, अपर मुख्य अधिकारी, जिला पंचायत, हरिद्वार।
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