खास खबर
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गढ़वाल में राशन के लिए अंगूठा लगाने में नंबर वन हरिद्वार
– 13 से 81 प्रतिशत पहुंचा बायोमैट्रिक से राशन लेने का आंकड़ा
– राज्य में दूसरे नंबर पर हरिद्वार में बायोमैट्रिक से दिया जा रहा राशन
हरिद्वार। अंगूठा लगाकर सरकारी राशन लेने में हरिद्वार गढ़वाल मंडल में
नंबर वन पर है। नौ महीने में 13 से 81 प्रतिशत से अधिक परिवारों को
बायोमैट्रिक मशीन से राशन देने का आंकड़ा पहुंचा है। इससे प्रदेश के
लिहाज से हरिद्वार में दूसरे नंबर पर बायोमैट्रिक मशीन से उपभोक्ताओं को
राशन दिया जा रहा है।
सरकार की ओर से राशन कार्ड धारकों को सस्ते दामों पर राशन दिया जा रहा
है, लेकिन सरकार की ओर से राशन वितरण प्रणाली में पारदर्शिता लाने के लिए
बायोमैट्रिक मशीन में अंगूठा लगवाकर खाद्यान्न देने की व्यवस्था शुरू की
थी, हालांकि कोरोना संक्रमण के कारण कुछ समय के लिए संक्रमण को फैलने से
रोकने के लिए बायोमैट्रिक व्यवस्था बंद कर दी थी। तब राशन कार्ड धारकों
को पुरानी व्यवस्था से ही ऑफलाइन राशन दिया गया था।
मगर कोरोना संक्रमण का असर खत्म होने के बाद फिर से राशन के लिए
बायोमैिट्रिक मशीन में अंगूठा लगाना जरूरी कर दिया गया था। खास
परिस्थितियों में ही ऑफलाइन या फिर ऑनलाइन राश्न कार्ड नंबर डालकर राशन
दिए जाने के सख्त निर्देश दिए गए थे।
इसके बाद राशन डीलरों पर बायोमैट्रिक मशीन से ही राशन देने पर जोर दिया
गया था। बावजूद इसके अप्रैल 2022 में जनपद में मात्र 13 प्रतिशत परिवारों
को ही बायोमैट्रिक मशीन में अंगूठा लगाकर राशन उपलब्ध कराया जा रहा था।
बाद में सख्ताई की गई तो जनवरी माह में बायोमैट्रिक से राशन लेने वालों
की संख्या में इजाफा होता चला। जिससे जनवरी माह में बायोमैट्रिक मशीन में
अंगूठा लगाकर राशन लेने वाले का आंकड़ा बढ़कर 81.25 पहुंच गया। जो गढ़वाल
मंडल में सबसे अधिक है। इससे प्रदेश में दूसरे नंबर पर हरिद्वार जिला चल
रहा है। जबकि 83.80 प्रतिशत से पहले नंबर पर उधम सिंह नगर और 79.76
प्रतिशत से तीसरे नंबर पर पौड़ी गढ़वाल है। वहीं, प्रदेश में 68.47
प्रतिशत राशन कार्ड धारक अंगूठा लगाकर राशन प्राप्त कर रहे हैं।
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ढाई प्रतिशत नंबर डलवाकर ले रहे राशन
– जनपद में बुजुर्ग, विकलांगों और सिंगल सदस्य के राशन कार्ड धारकों के
अंगूठे के निशान बायोमैट्रिक मशीन में नहीं आ पा रहे हैं। इन्हें ऑनलाइन
राशन कार्ड का नंबर डालकर खाद्यान्न मुहैैया कराया जाता है। इनका प्रतिशत
जिलेभर में 2.35 प्रतिशत है। इसके अलावा लगभग 16 प्रतिशत परिवारों को
बायोमैट्रिक मशीन खराब होने, लैपटॉप न होने आदि कारणों से पुरानी
व्यवस्था से ही ऑफलाइन राशन डीलरों की ओर से दिया जा रहा है। जिसको
डीलरों की ओर से वितरण रजिस्टर में दर्ज किया जाता है। जबकि कुछ परिवार
राशन के लिए आते ही नहीं हैं।
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वर्जन
बायामैट्रिक मशीन में अंगूठा लगाकर सरकारी राशन वितरण करने की व्यवस्था
में काफी सुधार आया है। इसे बढ़ाकर 90 प्रतिशत तक ले जाने का लक्ष्य रखा
गया है। जिसके लिए विभाग और समस्त डीलरों से सहयोग की अपेक्षा है।
मुकेश पाल, जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी, हरिद्वार
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